Rumored Buzz on बबूल के फायदे और नुकसान



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सूप या डेजर्ट में मिक्स करके भी लिया जा सकता है। 

बबूल की गोंद को पानी में डालकर सेवन किया जा सकता है।

- akabar ke shaasan kaal mein mahaabhaarat ka phaarasee bhaasha mein anuvaad kiya gaya tha vah kis naam se jaana jaata hai?

आजकल कमर और घुटनों के दर्द की समस्या एक आम समस्या है इससे बचने के लिए बबूल की फलियों का चूर्ण बनाकर इसमें बराबर मात्रा में मिश्री या शक्कर मिलाकर इस चूर्ण का एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ नियमित सेवन करने से कमर व घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलता है।

दांतों के लिए फायदेमंद है बबूल का उपयोग

इसके अलावा पानी में बबूल की छाल को उबालकर अगर उससे गरारे करते हैं, तो गले की सूजन और खराश में आराम मिल सकता है।

बबूल के पत्ते और छाल से घाव को भरा या ठीक किया जा सकता है क्योंकि, बबूल के पत्ते और छाल में ब्लीडिंग और इन्फेक्शन को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। जोकि किसी भी चोट, घाव,ब्लीडिंग और इन्फेक्शन को ठीक कर सकता है।

बबूल के छाल से बने काढ़ा को छाछ के साथ पिएं। आहार में छाछ का सेवन करने से जलोदर रोग में लाभ होता है।

इसके अलावा बबूल के पत्ते को पीसकर उसका पेस्ट लगाने से भी पसीना आना कम हो जाता है।

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बबूल के पेड़ का इस्तेमाल कब्ज के दौरान बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि, कब्ज के समय बबूल का सेवन करने से यह हमारे लिए हानिकारक website साबित हो सकता है।तो ध्यान में रखें की कब्ज में बबूल का सेवन न करें।

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गठिया के रोग में अक्सर शरीर के जोड़ों में दर्द रहता है और सूजन होने के कारण चलने-फिरने में परेशानी भी हो सकती है. ऐसे में गुलमोहर के पत्तों को पीसकर सूजन वाली जगह पर लगाने से या पत्तों का काढ़ा बनाकर उसकी स्टीम से दर्द में आराम मिल सकता है और इस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है.

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